विश्व हिंदी दिवस | विश्व हिंदी दिवस पर भाषण 2025
विश्व हिंदी दिवस पर भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अतिथिगण और मेरे प्यारे साथियों,
सभी को "विश्व हिंदी दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम यहां एकत्रित हुए हैं, ताकि हम हिंदी भाषा के महत्व को समझें और इसके वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए अपनी जिम्मेदारी का अहसास कर सकें। हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि पूरी दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ा रही है। आज के इस खास दिन, 10 जनवरी को हम "विश्व हिंदी दिवस" मनाते हैं।
विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा की गई थी, ताकि हिंदी के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके और इसे वैश्विक स्तर पर सम्मानित किया जा सके। हिंदी न केवल भारत की राजभाषा है, बल्कि यह विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसका प्रभाव केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में फैल चुका है। विशेष रूप से उन देशों में, जहां भारतीय समुदायों का बहुत बड़ा हिस्सा है, वहां हिंदी का प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से हुआ है।
आज, हिंदी एक ऐसी भाषा बन चुकी है, जिसे सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी सीखने में रुचि रखते हैं। चाहे वह अमेरिका हो, ब्रिटेन हो, या फिर मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, तिब्बत, त्रिनिदाद, या पाकिस्तान जैसे देश हों, हिंदी ने अपनी पहचान बना ली है। खास बात यह है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक सेतु का काम करती है, जो अलग-अलग संस्कृतियों और लोगों को जोड़ने का काम करती है। हिंदी ने विश्व स्तर पर साहित्यिक और भाषाई विविधता को सम्मानित किया है और इसने सांस्कृतिक एकता की दिशा में अहम योगदान दिया है।
विश्व Hindi Divas को मनाने का एक मुख्य उद्देश्य यह है कि हम हिंदी के महत्व को समझें और इसे बढ़ावा दें। हिंदी भाषा के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, परंपराओं और हमारे समाज की धरोहर को पूरी दुनिया में प्रस्तुत कर सकते हैं। यह एक भाषा नहीं, बल्कि एक पूरी सभ्यता, एक सोच, और एक विचारधारा है। हम सभी को यह गर्व होना चाहिए कि हम एक ऐसी भाषा बोलते हैं, जो न केवल हमारे देश की पहचान है, बल्कि विश्व स्तर पर भी प्रसिद्ध हो रही है।
आइए, इस खास दिन पर हम यह संकल्प लें कि हम हिंदी को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान दिलाने के लिए अपना योगदान देंगे। हम सभी को अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए काम करना चाहिए। आज के समय में तकनीकी उन्नति और ग्लोबलाइजेशन के कारण, एक भाषा का प्रभाव केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहता। इसलिए, हमें हिंदी को एक वैश्विक भाषा के रूप में फैलाने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए।
विशेष रूप से, आज के दिन हम यह भी समझ सकते हैं कि हिंदी का केवल साहित्यिक या शैक्षिक महत्व नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज के एकात्मता और सामूहिकता का प्रतीक भी है। हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने का एक मजबूत माध्यम है। यह भारतीयता की पहचान है और हर भारतीय के दिल में बसी हुई है।
आप सभी जानते हैं कि भारतीय भाषा परिवार में हिंदी का स्थान महत्वपूर्ण है। यह न केवल भारतीय उपमहाद्वीप, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी जगह बना रही है। हिंदी को दुनिया भर में प्रसार और स्वीकार्यता मिल रही है। यहां तक कि विदेशी विश्वविद्यालयों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है। इसका उद्देश्य केवल भाषा को समझना नहीं, बल्कि हिंदी के माध्यम से भारतीय संस्कृति और विचारधारा को भी समझना है।
इस वर्ष 2025 की विश्व हिंदी दिवस की थीम है -
"हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज"। इसका मतलब है कि हिंदी न केवल दुनिया को जोड़ने का कार्य करती है, बल्कि यह सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी है। हिंदी हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ती है और हमें अपने इतिहास, परंपराओं और धरोहरों के प्रति जागरूक करती है।
हमारे देश में हिंदी की स्थिति विशेष है। यह हमारी राष्ट्रीय एकता को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाती है। भारत के हर हिस्से से लोग हिंदी बोलते हैं और समझते हैं। हिंदी की यह शक्ति हमारे समाज की विविधता को एकता में बदलने का काम करती है। भारतीय संस्कृति में भी हिंदी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और यह हमारे साहित्य, संगीत, फिल्म, और अन्य कलाओं में गहराई से समाई हुई है।
साथियों, इस विशेष दिन पर हमें यह याद रखना चाहिए कि हम अपनी भाषा, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को निभाने में कोई कसर न छोड़ें। हमे यह संकल्प लेना चाहिए कि हिंदी को सम्मानित करना और इसे वैश्विक स्तर पर फैलाना हमारा कर्तव्य है। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा नहीं, बल्कि यह हमारे देश की गरिमा और पहचान का हिस्सा है।
अब हम सभी को यह जिम्मेदारी उठानी है कि हम हिंदी को न केवल बोलने की आदत बनाए रखें, बल्कि इसे पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में कदम बढ़ाएं। यदि हम सभी मिलकर हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देंगे, तो यह दिन जल्द ही आएगा जब हिंदी दुनिया की सबसे प्रमुख भाषाओं में शामिल होगी और हर भारतीय को इस पर गर्व होगा।
इसी के साथ, मैं अपने भाषण का समापन करता हूं। सभी को एक बार फिर से विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हम सब मिलकर हिंदी के प्रचार में अपना योगदान दें और इसे आगे बढ़ाएं। धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत।


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